काली मौत
काली मौत यूरोप के इतिहास का एक अध्याय है, जिसमें 7.5 से 20 करोड़ लोगों की मृत्यु हो गई थी। इसकी शुरूआत 1346 से 1353 में हुई। यूरोप में 2010 और 2011 को इससे जुड़े प्रकाशन करने पर यह पता चला कि यह एक प्रकार का विषाणु है जो प्लेग के अलग अलग रूप में होने का कारण है। यह यूरोप के व्यापारियों के जहाज के सहारे कुछ काले चूहे भी इस बीमारी से ग्रसित हो कर आ गए और यह मध्य एशिया तक में फैल गए। इस के कारण यूरोप में कुल आबादी के 30–60% लोगों की मौत हो गई थी। ब्लैक डेथ उस समय की आई हुई सबसे खतरनाक बीमारी थी। जिसका इलाज उस समय नामुमकिन था।
रोग की उत्पत्ति
इस रोग की उत्पत्ति एक प्रकार के विषाणु यर्सीनिया पेस्टिस के कारण हुई। जिसके घातक प्रभाव में चूहों के साथ साथ गिलहरी भी आ गए थे।
काली मौत यूरोप के इतिहास का एक अध्याय है, जिसमें 7.5 से 20 करोड़ लोगों की मृत्यु हो गई थी। इसकी शुरूआत 1346 से 1353 में हुई। यूरोप में 2010 और 2011 को इससे जुड़े प्रकाशन करने पर यह पता चला कि यह एक प्रकार का विषाणु है जो प्लेग के अलग अलग रूप में होने का कारण है। यह यूरोप के व्यापारियों के जहाज के सहारे कुछ काले चूहे भी इस बीमारी से ग्रसित हो कर आ गए और यह मध्य एशिया तक में फैल गए। इस के कारण यूरोप में कुल आबादी के 30–60% लोगों की मौत हो गई थी। ब्लैक डेथ उस समय की आई हुई सबसे खतरनाक बीमारी थी। जिसका इलाज उस समय नामुमकिन था।
रोग की उत्पत्ति
इस रोग की उत्पत्ति एक प्रकार के विषाणु यर्सीनिया पेस्टिस के कारण हुई। जिसके घातक प्रभाव में चूहों के साथ साथ गिलहरी भी आ गए थे।
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